The Greatest Guide To Shodashi

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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥

It was listed here as well, that the great Shankaracharya himself installed the graphic of the stone Sri Yantra, perhaps the most sacred geometrical symbols of Shakti. It may however be viewed currently during the interior chamber on the temple.

Her third eye signifies bigger perception, encouraging devotees see beyond Actual physical appearances for the essence of truth. As Tripura Sundari, she embodies really like, compassion, plus the joy of existence, encouraging devotees to embrace lifetime with open hearts and minds.

While in the context of ability, Tripura Sundari's beauty is intertwined along with her strength. She is not merely the image of aesthetic perfection but also of sovereignty and conquer evil.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

गणेशग्रहनक्षत्रयोगिनीराशिरूपिणीम् ।

संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी पञ्चरत्न स्तोत्रं ॥

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?

वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

In essence, Goddess Shodashi signifies the divine prospective inside of every specific, guiding them over a route of interior splendor, wisdom, and spiritual fulfillment. Her presence while in the lives of devotees conjures up them to hunt harmony, apply read more compassion, and approach life with gratitude and humility.

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